बृहस्पति ग्रह लाल किताब की नज़र से

दोस्तों आज हम बृहस्पति ग्रह के बारे में संक्षेप में कुछ खास खास बातें बातएंगे जो की कुंडली में फलादेश करते समय बहुत लाभकारी सिद्ध होंगी।

गुरु यानि बृहस्पति के कुंडली में पक्के घर २, ५, ९, १२।
गुरु के कुंडली में मंदे घर ६ , ७ , १०।
मित्र ग्रह …. सूर्य , चन्दर , मंगल।
शत्रु ग्रह …. बुध , शुक्र।
सम ग्रह। ….. राहु केतु , शनि।
उच्च खाना न ४।
नीच खाना न १०।
मस्नूई ग्रह सूर्य + शुक्र।
पोशाक पगड़ी।
१ से ५ और १२ न खाना में गुरु मदद करता है रवि शनि दोनों की।
जबकि ६ से ११ न खाना से केवल शनि के लिए मददगार होता है।
इसके पक्के घरो में इसके शत्रु ग्रह होने पर यह मंदा हो जाता है।
पूर्णतया अकेला बैठा हुआ गुरु कभी भी मंदा प्रभाव नहीं देता।

सूर्य + राहु या केतु + चन्दर ग्रहण के समय गुरु का प्रभाव भी अशुभ हो जाता है।
बृहस्पति खुद की मंदी निशानी पहले शनि की अशुभता से प्रकट करता है।

बृहस्पति अकेला बैठा या शत्रु घरों में बैठा हुआ कभी अशुभ प्रभाव नहीं देता परन्तु यदि शत्रु ग्रह इसके घरो या जड़ों में बैठे हो तो दुष्प्रभाव होता है।

केतु बृहस्पति से पहले घरों में बृहस्पति का मंदा असर।
बृहस्पति पहले घरों में और केतु बाद में तो चन्दर का फल ख़राब हो जायेगा।

वही अगर राहु बृहस्पति से पहले घरों में हो तो बृहस्पति दोनों जहाँ का मालिक होगा यानि सांसारिक और आध्यात्मिक।

आप लोग अपने comments देते रहे ताकि मैं और भी जानकारिया इसी प्रकार आप तक पहुँचता रहु

धन्यवाद

सूर्य ग्रह लाल किताब की नज़र से

मैं अपने इस लेख में सूर्य ग्रह के बारे में कुछ खास बातें बताना चाहूंगा जो आपको कुंडली में सूर्य की स्थिति और उसके द्वारा दिए जाने वाले प्रभावों को जानने में सहायक होगी। मेरी कोशिश है की मैं अपनी बात बहुत ही संक्षेप मैं और सरलता पूर्वक आप तक पंहुचा पाऊ।

सूर्य यानि आत्मा।
उच्च भाव १।
नीच भाव ७।
केतु बलि का बकरा।
पक्का घर खाना न १।
सूर्य मालिक खाना न ५ का
खाना न १ और ५ में सूर्य अपने शत्रु एवं मित्र ग्रहो की मदद किया करता है।
सूर्य लगन कुंडली में १, ५, ११ भाव में होने पर कुंडली मैं सभी ग्रह बालिग होंगे।
ग्रहण वाली कुंडली में सूर्य ४५ साल तक अपना उत्तम असर नहीं दे पाता।
शनि और सूर्य के टकराव की स्थिति मैं शुक्र ख़राब हो जाता है।
मित्र ग्रह …. चन्दर। मंगल। बृहस्पति।
सम ग्रह …. बुध
शत्रु ग्रह ….. शुक्र शनि राहु (केतु से इसकी शक्ति कम हो जाती हैं।
जनम कुंडली मे सूर्य किसी भी घर का हो वर्षफल के हिसाब से यदि वो खाना न १ में आ जाये तो उस साल शुक्र का फल खराब हो जाता है

धन्यवाद मेरी कोशिश रहेगी इस प्रकार की सरल और उपयोगी जानकारी में आपको समय समय पर उपलब्ध करवाता रहु

आपका भूषण