लाल किताब ग्रहों की आपसी दोस्ती दुश्मनी

नमस्कार दोस्तों कैसे है आप सब लोग इस मुश्किल की घडी में आप सभी लोग अपने घर में ही बने रहे और भगवान से आप सभी के अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थन भी करता हूँ। साथ ही एक हिदायत भी दे रहा हूँ की हल्का और स्वास्थ्य वर्धक भोजन करें और हलके फुल्के व्यायाम भी करते रहे ताकि कोई और सेहत सम्बन्धी परेशानी ना बन जाये। और प्रभु का सिमरन करते रहे.

आज कौनसा विषय ले समझ नहीं पा रहा था। तो ध्यान आया कुछ बहुत ही सरल परन्तु बहुत ही गहन विषय जिस पर एक अलग तरीके से बात की जाये। तो आज बात करते है लाल किताब में ग्रहों की आपसी दोस्ती , दुश्मनी और बराबरी के बारे में।

यू तो आपने ये विषय कई बार पढ़ा देखा समझा होगा पर आज इस विषय के साथ एक विषय और जोड़ देंगे और देखते है की यह आपको prediction करते वक़्त कैसे सहायता करेगा।

चन्दर दुश्मनी करता है शुक्र से , शुक्र दुश्मनी करता है बृहस्पति से , मंगल दुश्मनी करता है शनि से
बुध चन्दर से मित्रता करता है परन्तु चन्दर दुश्मनी करता है बुध से

उपरोक्त chart को ध्यान में रखे अब इसके साथ एक बात और जोड़ देता हूँ तो यह बहुत ही सरल और मज़ेदार हो जायेगा।

अरमान नंबर 27 के मुताबिक अपने दौरे के वक्त ग्रह सबसे पहले उस घर पर असर देता है जहा वह जनम कुंडली में स्थापित हो अपने असर के समय वह सबसे पहले दुशमनो ग्रहो पर जिस घर मैं वो बैठा हो उसके उपरांत दोस्त ग्रहो तथा अंत में अपने बराबर की ताकत वाले घरों पर असर डालता है

अगर एक घर में एक से ज्यादा मित्र या दुशमना या बराबरी वाले ग्रह हो तो वह उन पर निम्न लिखित श्रेणी या series में उनपर अपना असर डालेगा।

बृहस्पति
सूर्य
चन्दर
शुक्र
मंगल
बुध
शनि
राहु
केतु

और यदि दुशमन दोस्त और बराबरी वाले ग्रह अलग अलग घरों में हो तो खानो की तरतीब से 1 फिर 2 फिर 3 इस तरह से असर देगा।

इस लेख को यही समाप्त करता हूँ उम्मीद है आपको इस विषय की गहरायी तक ले जाने मैं समर्थ रहा। नमस्कार

लाल किताब उपाए करने से पहले ये देख ले

नमस्कार दोस्तों आज हम लाल किताब के और विषय पर बात करेंगे

जन्मवक्त ग्रह
जन्मदिन का ग्रह

लाल किताब में कई ऐसे विषय है जिनके बारे में कई बड़े बड़े ज्योतिष भी विश्वस्त तौर पर खुले में बात करना पसंद नहीं करते।
परन्तु फिर भी अगर आप बार बार इस किताब को पढ़ते है तो कुछ न कुछ नया मिल ही जाता है यह किताब खुद ही अपने भेद खोलना शुरू कर देती है।
पंडित जी ने भी कहा है की इस किताब को एक उपन्यास की तरह बार बार पढ़ते रहे।

फ़िलहाल मैं आज जिस विषय को लेकर आप तक आया हूँ वह बहुत ही सरल है परन्तु फिर भी लाल किताब के जानने वाले इसे भूल जाते है और उपाए करते या करवाते वक्त इन विषय को नजर अंदाज कर जाते है।

जातक की पैदायश यानि birth के समय और उस की पैदायश के दिन का बहुत महत्व है

सरल शब्दों में अगर कहूं तो जन्म समय का ग्रह जो की ग्रह फल (किस्मत का ग्रह है) का बन जाता है
और जन्म दिन का ग्रह जो की राशि फल ( किस्मत के ग्रह को जगाने वालें ग्रह का पक्का घर ) का बन जाता है।

आईये एक चार्ट देखते है

नर ग्रहो का राज दिन वक्त
स्त्री ग्रहों का रात के वक्त राज होता है
और नामर्द ग्रह दिन रात मिलने या पक्की शाम जब सूर्य डूब जाता है परंतु अँधेरा नहीं होता तारे नहीं होते वह वक्त

जब जन्म दिन और जन्म वक्त का ग्रह एक ही हो जाये तो वह ऐसे जातक का कभी बुरा नहीं करते

बाकी सभी हालातो में ( जब जन्म दिन किसी और ग्रह का और जनम वक्त का ग्रह कोई और हो )यह जन्म वक्त के ग्रह अपनी अपनी दोस्ती दुश्मनी जरूर दिखायेंगे .

दोस्तों मैंने इस विषय को बहुत ही सरल और स्पष्ट करने का प्रयत्न किया हैउम्मीद है आप लोगो को यह पसंद आया होगा
धन्यवाद