lal kitab kundali kaise dekhe

लाल किताब कुंडली कैसे देखे

नमस्कार दोस्तों यह विषय उन लोगो से जुड़ा है जिन्हे मैं समझता जो लाल किताब पहले से आती है या वह सीख रहे है। एक प्रश्न अक्सर पुछा जाता है की गुरूजी आता सब है परन्तु कुंडली सामने आते ही समझ नहीं आता की कुंडली मैं क्या देखे और क्या बोले। तो मैंने आज इसी को विषय बनाया है।

यू तो हर ज्योतिष का अपना अपना कुंडली देखने का अलग अलग तरीका होता है। और दूसरा यह भी महत्व रखता है की आपसे मिलने आया जातक आपसे क्या जानना चाहता है उसी क्या इच्छा है।

परन्तु फिर भी कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है।

यह लेख बहुत बड़ा न करके कुछ कुछ महत्वपुर्ण बातों को ही स्थान दिया जा रहा है।

कुंडली की दुरुस्ती कर ले बैठे हुए ग्रहो से सम्बंधित बेजान और जान दार चीज़ो के असर और रिश्तेदारों के हालत मालूम करे।

उच्च नीच के ग्रह
पक्के घरो में बैठे ग्रह
पितृ ऋण
और किस्मत का ग्रह ज़रूर ढून्ढ लें
आपसी मित्रता और शत्रुता ग्रहों की

1 , 8 की टक्कर
6 , 1 का टकराव
1 – 10 का धोखा
सांझी दिवार भी देख लें (जो लोग काफी कुछ जानते है उनके लिए लाल किताब कुंडली कैसे देखी जाये एक उन्नंत यानि method for advanced जरूर लिखूंगा। )

सेहत बीमारी जो की खाना no 3, 5 से देखी जाती है। देख ले

साथ ही उम्र भी देख ले (परन्तु पंडित जी ने यह बात जाहिर करने से मना किया है)

3 , 6 , 8 , 12 को देख लेना भी बहुत ज़रूरी है।

क्योकि उपरोक्त घर
3 धन दौलत के जाने का , इस घर का घर अगर बदी पर आये तो बहुत कष्ट भी देता है
6 यह घर खाली हो तो 2 और 12 दोनों सोये हुए होते है। यह घर अचानक मिली मदद भी है। 8 , 2 , 12 की बीच की कड़ी भी।
8 मौत का घर है 8 , 6 में से कोई मंदा दोनों ही मंदे होते है। यह घर रहम नहीं करता बस अदले का बदला करता है।
12 इंसाफ़ का घर पर इंसाफ करने करने की जगह नहीं है। 8 , 12 की टक्कर के मंदे नतीजे होते है। आखरी फैसला इसी घर का होता है। और खुद 12
का फैसला 2 से होता है, ग्रहस्थी सुख का मालिक।

जिस वर्ष जातक आपके पास आता है उस से पहले के कम से कम 1 वर्ष पहले के हालात भी देख लेने चाहिए पंडित रूपचंद जोशी जी तो महीने और हफ़्तों के हालात भी देखा करते थे।

कई दफा जो परेशानी जातक को होती है उसका कारन उसके पिछले वर्ष फल के ग्रह होते है। (आपको 40 रियाती दिन तो मालूम ही होंगे)।

वर्ष फल में धोखे का ग्रह
वर्ष फल में राजा यानि ग्रहफल और वजीर राशिफल ज़रूर देख लें।

जन्म कुंडली में मंगल बद हो रहा है या नहीं यह भी देख लेना बहुत ही आवश्यक है।

और यदि कोई सूर्य या चन्दर ग्रहण की स्तिथि हो तो भी उसका ध्यान रखे।

बालिग नाबालिग टेवे का भी ध्यान रखे / जातक की उम्र के लिहाज़ से 35 साला चक्र भी बहुत ही महत्वपूर्ण है।

यू तो यह लेख बहुत बड़ा हो जायेगा मैं अपने इस लेख का समापन अरमान / फरमान no 10 – 11 की कुछ पक्तियों से करना चाहूंगा इन्हे बार बार पढ़े और समझे जो की भविष्य मैं आपको किसी भी कुंडली को समझ कर उसकी विवेचना करने मैं मदद करेगा।

किस्मत का फैसला उम्र के लिहाज से धोखे के ग्रह और वर्षफल व राशि नंबर के बोलने वाले ग्रहो का मुश्तर्का नतीजा किस्मत का फैसला करेगा।

बंद मुट्ठी या कुंडली के 1 , 4 , 7 , 10 no के खाने भले ही अच्छे हो या बुरे जातक की तबियत से मतलब इंसानी प्रकृति और किस्मत की बुनियाद होंगे।

सभी का धन्यवाद।

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