नमस्कार दोस्तों आज हम लाल किताब के और विषय पर बात करेंगे
जन्मवक्त ग्रह
जन्मदिन का ग्रह
लाल किताब में कई ऐसे विषय है जिनके बारे में कई बड़े बड़े ज्योतिष भी विश्वस्त तौर पर खुले में बात करना पसंद नहीं करते।
परन्तु फिर भी अगर आप बार बार इस किताब को पढ़ते है तो कुछ न कुछ नया मिल ही जाता है यह किताब खुद ही अपने भेद खोलना शुरू कर देती है।
पंडित जी ने भी कहा है की इस किताब को एक उपन्यास की तरह बार बार पढ़ते रहे।
फ़िलहाल मैं आज जिस विषय को लेकर आप तक आया हूँ वह बहुत ही सरल है परन्तु फिर भी लाल किताब के जानने वाले इसे भूल जाते है और उपाए करते या करवाते वक्त इन विषय को नजर अंदाज कर जाते है।
जातक की पैदायश यानि birth के समय और उस की पैदायश के दिन का बहुत महत्व है
सरल शब्दों में अगर कहूं तो जन्म समय का ग्रह जो की ग्रह फल (किस्मत का ग्रह है) का बन जाता है
और जन्म दिन का ग्रह जो की राशि फल ( किस्मत के ग्रह को जगाने वालें ग्रह का पक्का घर ) का बन जाता है।
आईये एक चार्ट देखते है
नर ग्रहो का राज दिन वक्त
स्त्री ग्रहों का रात के वक्त राज होता है
और नामर्द ग्रह दिन रात मिलने या पक्की शाम जब सूर्य डूब जाता है परंतु अँधेरा नहीं होता तारे नहीं होते वह वक्त
जब जन्म दिन और जन्म वक्त का ग्रह एक ही हो जाये तो वह ऐसे जातक का कभी बुरा नहीं करते
बाकी सभी हालातो में ( जब जन्म दिन किसी और ग्रह का और जनम वक्त का ग्रह कोई और हो )यह जन्म वक्त के ग्रह अपनी अपनी दोस्ती दुश्मनी जरूर दिखायेंगे .
दोस्तों मैंने इस विषय को बहुत ही सरल और स्पष्ट करने का प्रयत्न किया हैउम्मीद है आप लोगो को यह पसंद आया होगा
धन्यवाद
Explained in very simple way. Keep it up!